क्वारेंटाइन सेंटर बना शादी का मंडप, सात फेरे भी हुए

क्वारेंटाइन सेंटर बना शादी का मंडप, सात फेरे भी हुए

शादी की खरीददारी करने इंदौर आई दुल्हन लॉकडाउन में फंस गई, तमाम कोशिशों के बाद भी उसे अपने शहर लौटने की अनुमति नहीं मिली। इंदौर हॉटस्पॉट होने के कारण प्रशासन ने उसे घर नहीं जाने दिया, बमुश्किल घर लौटी तो प्रशासन ने क्वारेंटाईन सेंटर भेज दिया।


शादी की खरीददारी करने इंदौर आई दुल्हन लॉकडाउन में फंस गई, तमाम कोशिशों के बाद भी उसे अपने शहर लौटने की अनुमति नहीं मिली। इंदौर हॉटस्पॉट होने के कारण प्रशासन ने उसे घर नहीं जाने दिया, बमुश्किल घर लौटी तो प्रशासन ने क्वारेंटाईन सेंटर भेज दिया। प्र्रशासन को पता चला कि क्वारेंटाइन अवधि में ही उसकी शादी का मूहुर्त है तो प्रशासन ने रास्ता निकाला और क्वारेंटाईन सेंटर को शादी का मंडप बनाया, अधिकारी घराती बने और दुल्हन के सात फेरे लगवा दिए।

मिली जानकारी के अनुसार पिपरिया की रेखा साहू शादी की खरीददारी करने इंदौर आई थी। इस बीच लॉकडाउन हो गया और वह इंदौर में ही फंसी रह गई। पिपरिया लौटने के लिए उसने कई बार अनुमति मांगी लेकिन इंदौरहॉटस्पॉट था इस कारण प्रशासन ने उसे जाने नहीं दिया, बड़ी मुश्किल से ई-पास की परमिशन लेकर 15 मई को रेखा साहू पिपरिया लौटी लेकिन बाहर से आने के कारण प्रशासन ने उसे क्वारेंटाईन सेंटर भेज दिया। इस बीच प्रशासन को पता चला कि रेखा साहू की क्वारेंटाईन अवधि के दौरान ही शादी है तो प्रशासन ने एक रास्ता निकाला। प्रशासन ने दूल्हे पक्ष से बात कर उन्हें क्वारेंटाईन सेंटर में शादी कराने के लिए मनाया और फिर क्वारेंटाईन सेंटर को ही शादी के मंडप जैसा सजाया, अधिकारी घराती बने और सात फेरे भी हुए है। देश में यह पहला ऐसा मामला हुआ है।

अब दुल्हन को कम से कम 10 दिन क्वारेंटाइन रहना है जो अवधि आज पूरी होगी। ऐसे में कोरोना लक्षण नहीं पाए जाने पर 25 मई को दुल्हन अपने ससुराल जा सकेगी। तब तक दूल्हा मनीष साहू भी क्वारेंटाइन सेंटर में ही रुकने को राजी हो गया है।

रेखा साहू की शादी औबदुल्लागंज के मनीष साहू से तय हुई थी, शादी की तारीख् पहले 26 अप्रैल थी लेकिन वह इंदौर 16 मार्च को शादी की शॉपिंग करने के लिए पहुंची और लॉकडाउन में फंस गई। लॉकडाउन खुलने का इंतजार किया लेकिन लॉकडाउन-2 शुरू हो गया तो शादी की तारीख आगे बढ़ा दी गई। शादी की नई तारीख 23 मई निकाली गई। इस बीच पिपरिया लौटने के कई बार आवेदन दिए लेकिन खारिज हो गए, ई-पास जब शुरू हुए तो उसने ई-पास के लिए कई बार प्रयास किए। आखिरकार 15 मई को रेखा पिपरिया लौटी लेकिन इंदौर से आने के कारण उसे क्वारेंटाईन सेंटर भेज दिया गया। प्रशासन से परिजनों ने कई बार आग्रह किया कि युवती की 23 मई को शादी है, क्वारेंटाईन रहेगी तो शादी कैसे होगी। अंत में मामले की गंभीरता को एसडीएम और तहसीलदार ने समझा ओर फिर यह रास्ता निकाला। चुनिंदा बारातियों के साथ बारात 23 मई को क्वारेंटाईन सेंटर पहुंची और फिर घराती बने प्रशासन ने फेरे करवाए।