शहीद कैप्टन कपिल कुंडू की वो आखिरी कविता जो बहुत कुछ कहती हैं

शहीद कैप्टन कपिल कुंडू की वो आखिरी कविता जो बहुत कुछ कहती हैं

सीमा पर देश के लिए शहीद हुए कैप्टन कपिल कुंडू ने अपने फेसबुक प्रोफाइल से एक आखिरी कविता पोस्ट की थी जो बहुत कुछ बयाँ करती हैं . कुंडू ने अपने फेसबुक के इंट्रो में लिखा था की जिंदगी लंबी नहीं, बड़ी होनी चाहिए


सीमा पर देश के लिए शहीद हुए कैप्टन कपिल कुंडू ने अपने फेसबुक प्रोफाइल से एक आखिरी कविता पोस्ट की थी जो बहुत कुछ बयाँ करती हैं . कुंडू ने अपने फेसबुक के इंट्रो में लिखा था की जिंदगी लंबी नहीं, बड़ी होनी चाहिए

मां बोलीं, देशभक्ति का जुनून था –

कैप्टन के सिर से पिता का साया उठने के बाद भी उनकी मां सुनीता ने उन्हें देश सेवा के लिए फौज में भेजने का साहसिक फैसला लिया था। कपिल के घर में उनकी मां के अलावा उनकी दो बहनें है, जिनकी शादी हो चुकी है। एक निजी चैनल से बातचीत करते हुए कुंडू के दादाजी ने बताया कि दो दिन पहले पोते से बात हुई थी। कैप्टन के सिर से पिता का साया उठने के बाद भी उनकी मां सुनीता ने उन्हें देश सेवा के लिए फौज में भेजने का साहसिक फैसला लिया था। कपिल के घर में उनकी मां के अलावा उनकी दो बहनें है, जिनकी शादी हो चुकी है। एक निजी चैनल से बातचीत करते हुए कुंडू के दादाजी ने बताया कि दो दिन पहले पोते से बात हुई थी।

शहीद कैप्टन कपिल कुंडू  की आखिरी कविता –

 

अपने लहु से सींचा है उन परवानों ने,
यूंही नहीं ये वादिया जन्नत कहलाती है।
आज भी खड़ी है रूह-ए-आशिक इन सरहदों पे,
आजमाना है किसी को अपना ज़ोर तो आए।

पूछा खुदा ने काफी कत्ल किए हैं उन जहान में,
बोला, आशिक-ए-वतन हूं गुनाहों की हर सजा मंजूर है।

करके नम अपने चशम, बोले निज़ाम-ए-आलम,
ऐसे दलेर आशिक से पहली दफा पाला पड़ा है।

बोला, खुदा कतार बहुत लंबी है अभी आने वालों की,
कमी नहीं है मेरे मुल्क में उस पर मर मिटने वालों की।

 

दादा ने की प्रधानमंत्री से अपील, पाक से लें बदला –

शहीद कैप्टन कपिल कुंडू के दादा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बेहद भावुक अपील की। उन्होंने कहा, हमें फख्र है कि पोता सीमा पर शहीद हुआ। हमारा इकलौता पोता था, हमने तो सब कुछ खो दिया। मैं चाहूंगा कि पाकिस्तान से इसका बदला लिया जाए। सिर्फ दिलासा देने से बात नहीं बनेगी।